kismat ka khel

मैं रजनी अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ। उनका मुझे support करना और इतना प्यार देख कर मैं खुद को बहुत खुशनसीब समझती हूँ। हमारी प्रेम कहानी सुन कर आप सभी हक्के बक्के रह जाओगे।

मेरे पति हरीश जब पहली बार मुझे देखने आये थे तो मेरे माँ बाप को ये रिश्ता बहुत पसंद आया था। पर मुझे इस रिश्ते से शिकायत थी। मैं हरीश को पसंद नहीं करती थी। मैंने हरीश को साफ़ कह दिया था की आप इस रिश्ते के लिए खुद मना कर दे, मुझे आप पसंद नहीं हो।पर हरीश इतने सीधे है की वे बिना कुछ कहे इस रिश्ते के लिए मना कर के चले गए। मैंने शायद उस समय उनकी अच्छाइयों को अनदेखा कर दिया था। पर मेरा ये भरम एक दिन टूट गया।

एक बार मेरे पिता जी का एक्सीडेंट हो गया। वे रोड पर खून से लतपत पड़े थे पर किसी ने भी उन्हें हस्पताल नहीं पहुंचाया।अचानक वही से हरीश गुज़र रहे थे। जैसे कि हरीश हमारे लिए भगवान् बन कर आये थे। वे पिताजी को फटाफट पास वाले हस्पताल ले गए और उनका ट्रीटमेंट कराया। डॉक्टर के कहने अनुसार अगर थोड़ी देर हो जाती तो शायद उस दिन मेरे पिता जी बच नहीं पाते। उस दिन मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ कि मैंने शादी के लिए मना क्यों किया।

जितने दिन मेरे पिता जी हॉस्पिटल में भर्ती रहे उतने दिन हरीश उनके लिए फूलों का गुलदस्ता व् फ्रूट लेके आते रहे। आज मैं अपने पति के साथ बहुत खुश हूँ और अपने पति को बहुत प्यार करती हूँ।

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