ped katne ka nateeja

मैं समीर अवस्थी, मुझे साँस की बीमारी है। मेरी उम्र  32  साल है जो की साँस की बीमारी के लिए शायद कुछ भी नहीं है। पहले मैं और मेरा पूरा परिवार खुले घर में  रहते थे जिसमे हरे भरे  पेड़ पौधे लगे थे।  पेड़ों की ताज़ी हवा जैसे की शरीर में एक अलग सी ताज़गी का एहसास कराती थी।

पर आज साँस की बिमारी का पता चलते ही मैं अपने उन बीतें दिनों को फिर  याद करने लगता हूँ। मेरी मैनेजर की नौकरी लगने पर घर के हालात कुछ सुधरने लगे।  धीरे धीरे मैंने घर को रेनोवेट करवाने का मन बना लिया था। पुराना घर बहुत बड़ा था इसलिए उसका कुछ हिस्सा मैंने बेच दिया। और सभी पेड़ पौधे भी कटवा दिए। अब मेरा घर बहुत सुन्दर बना हुआ है परन्तु उसमे पेड़ पौधे लगाने की कोई जगह नहीं है।

आज मुझे इस बात का पछतावा है कि मैंने क्यों उन पेड़ पौधों को कांटा। शायद अगर मैं  वो पेड़ पौधे ना कटवाता तो मुझे ये बीमारी ना लगती।  पेड़ पौधे तो हमें स्वच्छ  वातावरण प्रदान करते है। वातावरण में ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखते हैं।हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे उगाने चाहिए।

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