सत्यमेव जयते यह तो हमने सुना ही है| और कहीं न कहीं पढ़ा भी होगा | हमारे देश को सोने की चिड़िया बोला जाता था क्यूंकि यहाँ किसी समय पर ज्वारातों के ढेर पाए जाते थे | और यह इतना खूबसूरत हुआ करता था कि इत्तिहास में यह सोने की चिड़िया के नाम से प्रसिद्ध था| यह इतना सुन्दर हुआ करता था कि दूर–दूर देशों से लोग इसे देखने आते थे | पर अंग्रेजों द्वारा इतने शोषण के बाद भी यह विदेशियों की नज़रों में प्रयटक स्थल है | जो की हमारे लिए कुदरत का करिश्मा माना जाता है| पर हमारी बदकिस्मती देखो की हम उन लोगो से ऐसा बरताव करते हैं जैसे वो हमारे मेहमान न होकर कोई दुश्मन हो |
ऐसे तो भारत में कई लोग हैं जो की चोरी करते हैं और पकडे भी जाते हैं पर आपने कभी सुना है शरीफ लोगो को चोरी करते हुए अगर नहीं तो मैं बताती हूँ कैसे होते हैं शरीफ चोर |
जब बाहर से लोग भारत दर्शन के लिए आते हैं तो यहाँ के दुकानदार, गाइड्स आदि इन लोगो को सेवा देने का और चीजों का चार गुना दाम बता कर लूटते हैं और उन बेचारों को तो मालूम भी नहीं होता की जिस दूकान से वो सामान खरीद रहें हैं वहां के दूकानदार उन्हें ठग रहें है |
तरस आता हैं मुझे हमारी भारतीय संस्कृति और यहाँ के लोगो पर , जो कि दूर देशों से भारत घूमने के लिए आये लोगो को ठगते हैं और अपने देश की छवी खराब करते हैं |
अगर हमारे देश के लोगो की ऐसी ही सोच रही तो वो दिन दूर नहीं जब भारत को पाई पाई का मौताज होना पड़ेगा और सारा टूरिज्म ख़तम हो जायेगा और टूरिज्म ख़तम होने की वजह से बाहर की करेंसी आनी भी बंद होजाएगी फिर इसको गरीब होने से कोई नहीं रोक सकता |
हमें एक बात कभी नही भूलनी चाहिए की धोखे से कमाए हुए पैसे कभी मीठा फल नहीं देते हैं मीठा फल मेहनत से कमाए हुए पैसे ही देते हैं |