मैं संध्या एक ऐसी लड़की जिसके ऊपर एक समय पर बहुत बड़ी दुविधा आ गयी थी | मुझे समझ नहीं आ रहा था के मैं प्यार चुनु या दोस्त | वैसे कल मेरी शादी है | आप जानना चाहेंगे किसके साथ ?
यह कहानी मेरी , करण – मेरा सबसे प्यारा बचपन का दोस्त और राहुल जिससे मैं प्यार कर बैठी थी | करण ने बचपन से हर मुश्किल में साथ दिया है | जबकि राहुल से मेरी मुलाकात अभी बस कुछ हफ़्तों की है | हम तीनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे | मैं हर समय करण के साथ रहती थी क्यूंकि हम बचपन से ही साथ पले बढे हुए है | धीरे धीरे राहुल के साथ हमारी दोस्ती हो गयी थी | और ये दोस्ती कब प्यार में बदल गयी पता ही नहीं चला | मुझे एहसास होने लगा था कि करण भी शायद मुझे पसंद करता था पर ऐसा तो नहीं हो सकता था ना कि राजा दो और रानी एक | मेरा प्यार था राहुल |
पर मैंने कभी भी करण के प्यार को समझा ही नहीं | एक दिन मुझे कॉलेज क कुछ गुंडों ने घेर लिया | उस समय करण और राहुल मेरे साथ थे | पर जब गुंडों ने इन दोनों को धमकी दी और वहाँ से जाने को कहा तो ये क्या था … राहुल जो मुझे दिलो जान से चाहता था वह मुझे मुश्किल में अकेला छोड़ कर वहाँ से चला गया | पर करण ने वहाँ से जाना स्वीकार नहीं किया और डट कर उनका सामना किया |
उस दिन मैं समझ गयी थी के मेरा सच्चा प्यार था करण | मैं आज करण से शादी कर रही हूँ जो मुझे बहुत प्यार करता है |
मैं संध्या एक ऐसी लड़की जिसके ऊपर एक समय पर बहुत बड़ी दुविधा आ गयी थी | मुझे समझ नहीं आ रहा था के मैं प्यार चुनु या दोस्त | वैसे कल मेरी शादी है | आप जानना चाहेंगे किसके साथ ?
यह कहानी मेरी , करण – मेरा सबसे प्यारा बचपन का दोस्त और राहुल जिससे मैं प्यार कर बैठी थी | करण ने बचपन से हर मुश्किल में साथ दिया है | जबकि राहुल से मेरी मुलाकात अभी बस कुछ हफ़्तों की है | हम तीनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे | मैं हर समय करण के साथ रहती थी क्यूंकि हम बचपन से ही साथ पले बढे हुए है | धीरे धीरे राहुल के साथ हमारी दोस्ती हो गयी थी | और ये दोस्ती कब प्यार में बदल गयी पता ही नहीं चला | मुझे एहसास होने लगा था कि करण भी शायद मुझे पसंद करता था पर ऐसा तो नहीं हो सकता था ना कि राजा दो और रानी एक | मेरा प्यार था राहुल |
पर मैंने कभी भी करण के प्यार को समझा ही नहीं | एक दिन मुझे कॉलेज क कुछ गुंडों ने घेर लिया | उस समय करण और राहुल मेरे साथ थे | पर जब गुंडों ने इन दोनों को धमकी दी और वहाँ से जाने को कहा तो ये क्या था … राहुल जो मुझे दिलो जान से चाहता था वह मुझे मुश्किल में अकेला छोड़ कर वहाँ से चला गया | पर करण ने वहाँ से जाना स्वीकार नहीं किया और डट कर उनका सामना किया |
उस दिन मैं समझ गयी थी के मेरा सच्चा प्यार था करण | मैं आज करण से शादी कर रही हूँ जो मुझे बहुत प्यार करता है |
jab tak friendship rahe pyaar ki zarurat hi nahi padti