हेलो दोस्तों मेरा नाम है आक्रिति और आज मै आपको अपनी दर्दनाक कहानी के बारे में बताऊँगी। ये कहानी है उन दिनों की जब मै अपनी ज़िन्दगी के उस पड़ाव पर थी जब मुझे लग रहा था के इस दुनिया में मै बिलकुल अकेली हूँ और मेरा कोई भी नहीं है। तब मुझे वो मिला, मनो मेरी दुनिया बिलकुल बदल गयी और इससे अछि ज़िन्दगी कभी न थी। उसने मुझे ही नहीं बल्कि मेरी ज़िन्दगी को भी सुधारा। उसके आने पर मै बिलकुल बदल गयी थी, मेरी ज़िन्दगी सुहावनी और रंगीन बन चुकी थी। वो मेरी ज़िन्दगी का उजाला और वो ही मेरी ज़िन्दगी का दर्द था। मेरी ज़िन्दगी की कहानी उसी से शुरू और उसी पर ख़त्म थी।
इसी तरह मेरी ज़िन्दगी इतनी रंगीन बन चुकी थी के मैंने कभी दुःख के बारे में सोचा भी नहीं था। उसका नाम था अजय। मेरी सुभह की शुरुआत उसको देखकर होती और मेरी शाम उसी को देखकर ढलती। अजय मुझे फेसबुक के ज़रिये मिला। वो कपूरथले रहता था और मै फगवाड़ा में। जब हम पहली बार एक दूसरे को मिले और देखा तो मानो मेरा सपना सच हुआ। देखते ही देखते हम कब एक दुसरे के बन गए और एक दुसरे के हो गए पता ही नहीं चला। लेकिन उसके धोखे के बारे में भी कोण जनता था। उसने मुझे कई सपने दिखाए लेकिन पूरा एक भी नहीं किया। उसका सबसे ज़रूरी वादा था मेरे साथ शादी लेकिन वो भी अधूरा रह गया। मैं तो पूरी तरह उसी की बन चुकी थी।
एक दिन उसने मुझे मिलने के लिए कपूरथले बुलाया और काहा “मै कनाडा पढाई पूरी और जोब ढूंढने जा राहा हूँ, लेकिन मई वापस ज़रूर आऊँगा तुम्हारे लिए और तुम्हे भी अपने साथ ले जाऊँगा। तुम मेरा इंतज़ार ज़रूर करना।” आज तीन साल पुरे होने को आ गए और उसने मुझे कोई फ़ोन तक नहीं किया। दिन – रात मुझे उसकी याद सताती है और मई प्राथना करती हूँ के जहा भी है, जैसे भी है ठीक रहे। पता नहीं उसको मेरा ख्याल आता भी है या नहीं। हम तो उसकी यादों के सहारे जी ही लेंगे, बस उसकी सलामती की दुआ मांगते है।