हेलो फ्रेंड्स, मई हूँ मिनाक्षी और आज मैं 21 साल की हो गयी हूँ। मुझे मेरा पहला प्यार ट्रेन में हुआ था। मै अपने दोस्तों के साथ स्कूल ट्रिप पर जा रही थी। उस ट्रिप पर पुर स्कूल गए था। जब हम लोग मनाली स्कूल की ट्रिप में जा रहे थे तो मेरी नज़रे दीपक के साथ टकराई और हमारी प्यार की पटरी भी उसी ट्रिप के दौरान शुरू हुई। हम दोनों एक दुसरे के साथ बहुत खुश थे मगर बाद में मुझे पता चला के दीपक की एक और गर्लफ्रेंड भी है। जब मैंने दीपक से उसके बारे में पूछा तो उसने मुझे इंकार कर दिया और कहने लगा वो मेरा बीता हुआ कल था और तुम मेरा आज हो, मैं अपने आज के साथ जीना चाहता हूँ न की अपने कल को याद करने आपने आने वाले समय को खराब करना। उसने मुझे कहा की अगर मैं उसके साथ जीना चाहती हूँ तो उसपर विश्वास करूँ।
मुझे लगा के मई गलत सोच रही हूँ इसलिए मैंने दीपक पर विशवास किया और उसे कहा के वो सही कह रहा है। साथ ही मैंने उसके साथ वादा किया के मई कभी उसपर शक नहीं करुँगी और उससे कोई सवाल नहीं करुँगी। हम दोनों ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे। फिर एक दिन दीपक की पुराणी गर्लफ्रेंड वापिस आ गयी और दीपक को पाने की कोशिशे करने लगी। ऐसा करने पर दीपक का मन बदलने लगा और धीरे -धीरे वो मुझसे दूर होने लगा।
इस प्रकार एक दिन ऐसा आया के दीपक ने सोनिया के लिए मुझे धक्का दे दिया। मैं बिलकुल अकेली हो गयी। मुझे लगा के मेरी दुनिया जैसे ख़तम ही हो गयी हो। फिर मैंने धीरे-धीरे खुद को संभाला और आज कभी-कभी मैं खुद को कोसती हूँ के दीपक जैसे झूठे इंसान के लिए मैंने अपनी ज़िन्दगी तक दो पर लगा दी। मेरे लिए दीपक ही मेर आज और मेरा कल था। मगर मई गलत थी। दोस्तों, अगर आपकी लाइफ में भी दीपक जैसा कोई इंसान है तो आप मेरी जैसी भूल बिलकुल न करना। आप अपने प्यार पर विशवास करो मगर, अंध विशवास कभी न करना।