मुझे समझ नही आ रहा मै अपनी Love Story कहा से शुरू करू पता नही इसे आप Love Story कहेगे या सिफँ एक तरफा प्यार जिसे सिफ मैने ही महसूस किया है। शायद उस लडकी ने भी प्यार किया होगा पर मै इसके बारे में कुछ नही कह सकता। मैं एक बहुत ही अच्छे स्कूल मे पडता हुँ यह स्कूल आठवी तक सिफँ लडको का है। नौवी के बाद Co-Education शुरू हो जाती है। मै बहुत ही होशियार था। और सब Teachers मुझे Class मे सबसे अच्छा मानते थे सब Teacher Class मे मेरी तारिफ किया करती थी जब हम 9th class मे हुए तब हमारी कलास मे एक लडकी आई जो देखने मे बहुत ही सुन्दर थी। पर वो लडकी बंगल की थी उसे हमारी भाषा अच्छी तरह से नही आती थी। उसे Teachers की बात भी अच्छी तरह से समझ नही आती थीा इसलिए वो पढाई मे पीछे रहने लग़ पडी थी।वह देखने मे बहुत ही सुन्दर थी। शायद किसी Filmy Actress से भी ज्यादा सब लडके उसके साथ दोस्ती करना चाहते थे पर वो किसी को नही बुलाती थी वो कही पढाई मै पीछे न रह जाए इसलिए Teachers ने उसे मेरे साथ मेरे Bench पर बिठा दिया और क़हा अब यह तेरी जिम्मेवारी है तुझे इसे भी साथ काम करवाना होगा क्योकि वो Teachers की भाशा आसानी से नही समझती थी। हमारे स्कूल मे Bench बहुत छोटे छोटे थे। तो हम दोनो काफी Tight होकर बैठते थे। तब मेरी ऊमर 15 साल थी आप को तो पता ही है यह ऊमर कैसी होती है। उस समय हमारा एक दुसरे से Touch हो जाता जब भी कभी गलती से मै उसे Touch करता तो फटाफट मै अपना हाथ दुर कर लेता की कही वो बुरा न मान ले पर हम सारा साल ऐसे ही बैठे रहे। दसवी कलास मे जब हम गए तो वो अलग़ लडकियो के साथ बैठने लग़ पडी। सब लडके मुझे उसका नाम लेकर छेडते थे। दसवी कलास मे ज़ब सितम्बर का महीना आया तो हमारे हाउस टैस्ट शुरू हो गए और वो लडकी उस हाउस टैस्ट मे सबसे पीछे रह गई। तब पुराने class incharge ने हमारे नए वाले class incharge को सलाह दी की उस लडकी को मेरे साथ बिठाया करो तो शायद वो फिर से पढाई मे चल सके तब teachers ने फिर हमे इकक्ठे बिठा दिया। मै उस दिन बहुत ही खुश था।
मेरी मुस्कुराहट रूक नही थी। सब लडके मेरी तरफ ही देख रहे थे मै उनसे अपना मुह छुपा रहा था इतने मे उस लडकी का मेरे साथ सप॔श हुआ तो मेरा सच मे बहुत बुरा हाल हो गया मै आप को यहा पर नही बता सकता उस दिन मैने आपना मन पक्का किया और सोचा अब गल्ती से भी गल्ती नही होगी मै अपने आप पर बहुत कंटरोल करता उसे भी पता लग गया था कि ज़ब वो मुझे छु ले तो मेरी बोलती बंद हो जाती थी मुझे समझ नही आता था अब मैं क्या करू वो हर रोज बहाने बहाने से मुझे रोज छु लेती। पता नही वो ज़ानबुझ कर ऐसा करती थी या सिफँ गल्ती से होता था। पर यारो मेरा तो इतने मै बहुत बुरा हाल हो जाता था कि इतनी सुंदर लडकी ने मुझे छु लिया है। मै शायद उससे प्यार करने लग़ पडे था। शायद वो भी मुझसे प्यार करती थी हमारी दोस्ती बहुत गहरी हो गई थी अब कोई लडका उसका नाम लेकर मेरे साथ मजाक करता तो वो मुझे अच्छा नही लगता था। मै उसके साथ लड पडता अब सब लडको को पता लग चुका था कि मै उससे प्यार करता हुँ। शायद यह इक तरफा प्यार था घर जाकर भी मुझे उसकी बहुत याद आती मै रोज पहले स्कूल आकर कलास मे बैठ जाता और वो भी आ जाती फिर हम काफी बाते करते। किसी ने यह बात Teachers को बता दी उस दिन के बाद Teacher ने हमे कुछ कहा तो नही पर हमारे bench अलग अलग कर दिए पर फिर भी हम Break Time और सुबह जल्दी आ कर इक्ठठे बैठते।कई बार Teachers के मना करने के बाद भी हम दोनो ऐसा ही करते शायद यह ही सच्चा प्यार हो। पर ज़ैसे ही Final Exam Start हुए। उसका Center दुसरे स्कूल मे बना अब हम दोनो कई कई दिन नही मिल पाते उसने या मैने कभी भी प्यार का इजहार नही किया था। जैसे ही हम Last दिन मिले तो हम दोनो एक दुसरे को कुछ न बोले हम दोनो को पता था यह हमारा स्कूल मे Last दिन है और वो वापिस बंगाल मे चले जाएगी उस दिन ज़ैसे ही मै आगे आया उस ने मुझे जोर से गले लग़या तो हम दोनो कम से कम आधा घंटा ऐसे ही रहे तब मेरे दोस्त वहा पर आए तो हम एक दुसरे से दुर हो गए तब मुझे पता चला कि उसके पिता जी आ चुके है उसे लेने वह मेरे लिए एक गुलाब का फुल लाई थी पर मै कुछ भी नही कह सका। उसने मुझे गुलाब का फुल दिया और चले गई। इस बात को साल हो चुके है पर मै आज तक उसे नही भुला हुँ शायद यह प्यार ही था जो मै और वो नही पहचान पाए|
yar ye story to mere jesi hi hain shayad hamare sath bhi ye sa hojay i like this story yaar but muje ye nahi pata ki use bhi mujse pyaar h ya nahi but….