life story beginning to end

मेरा नाम प्रेम(बदला हुआ नाम) है। मै जालंधर का रहने वाला हुँ। मै हर रोज आप सब की confessions16plus.in पर story पडता हुँ। और आपकी story पढ कर मुझे बहुत खुशी मिलती है। मुझे आपकी story मे एक खास बात अच्छी लगती है वो यह है कि आपकी story पर कोई भी गलत बात का जिक्रर नही किया होता। वैसे तो मै बहुत सी website पर story पढ चुका हुँ पर उसे पढ कर मुझे मजा नही आता क्योकि उस story पर बहुत बहुत गलत बातो का जिक्रर किया होता है इसलिए मुझे आपकी सच्ची story पढ कर बहुत खुशी मिलती है। और मेरा मन करता है कि मै भी confessions16plus.in पर एक story लिखु। मेरी story की सुरवात इस तरह होती है कि मेरी B.A की पढाई खत्म हो गई थी और मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि मै क्या कर फिर मै ऐसे ही घर पर free ही बैठा रहता था। और घर पर मेरा दिल नही लगता था। फिर मेरे पापा ने मुझे Tally account सिखने के लिए कहा और मैने एक Institution पर admission ले ली। और उस Institution के सर बहुत ही अच्छे और मिलनसार है।
वो बहुत ही सरल तरीके से पढाते है। और उन्होने मुझे सलाह दी किसी कम्पनी पर जोब करने की। तभी उस Institution पर एक लडका पडता था उसने मुझे बताया कि एक कम्पनी पर जोब है और उस कम्पनी के मालिक को एक लडके की जरूरत है और वो जोब Data entry की है। तभी मै उस कम्पनी पर interview देने गया। और उस कम्पनी के मालीक ने मेरा interview लिया और मै interview मे pass हो गया और उस कम्पनी के मालीक ने मुझे कम्पनी join करने के लिए कहा और मैने अगले दिन से वहा पर जाना शुरू कर दिया और मेरी salary 5000/- रू प्रती माहिना थी। पर मेरा वहा पर दिल नही लगा क्योकि उस कम्पनी के मालीक ने मुझे कभी भी कम्पुटर पर काम नही करवाया और मैने हफते बाद नौकरी छोड दी। और फिर उस लडके ने मुझे एक और कम्पनी के बारे मे बताया और मै उस लडके के साथ उस कम्पनी मे interview देने गया। और लडके ने उस कम्पनी को join नही किया पर मैने join कर लिया।
बाद मे मेने भी उस कम्पनी को छोड दिया मैने उस कम्पनी को इसलिए छोडा था क्योकि उस कम्पनी का H.R कभी भी staff की salary पुरी नही देता था। और उस कम्पनी की बहुत बदनामी हुई और उस कम्पनी का नाम सारे media मे फैल गया और मेरी परेशानी बड गई। तभी मेरे Institution के सर ने मुझे सलाह दी की आपना खुद का Business करो मेरे सर का मतलब यह था कि अपने काम का खुद मालिक बनो न किसी के अंदर काम करो उन्होने मुझे Marketing करने की सलाह दी। मेरे सर की एक और कम्पनी भी थी। वह कम्पनी अलग अलग कम्पनी की website बनाती और, S.E.O and Social media पर काम करती है। और कम्पनी की सरविस भी बहुत अच्छी है। उस कम्पनी के मालिक ने कभी भी मुझे नौकर नही समझा क्योकि उनका मानना था कि हम सब एक बराबर है और हमे मिल जुल कर काम करना है। और हम सब को साथ मिल कर काम करना है। एक बार मुझे बहुत खुशी हुई जब हमने एक factory की website बनाई थी और उस factory के मालिक ने मुझे website की payment का cheque दिया था और मेने सर को वो cheque दिया और कहा सर इसमे stamp लगा कर बैंक से payment निकलवा लेना तब मेरे सर ने कहा कि तू इस cheque पर stamp लगा कर और signature कर के बैंक से payment निकलवा ले अगर बैंक का कोई भी staff पुछेगा कि आप इस कम्पनी के क्या लगते हो तो तू उनको कहना की मै इस कम्पनी का मालिक हुँ यह सुनकर मेरी आँखो मे आसु आ गए। आज इस कम्पनी के साथ बहुत सी कम्पनी जुडी हुई है।
यहा तक तो हमारी कम्पनी की एक खास बात है कि हमारी कम्पनी महीने मे जो भी कमाते उसके हम सब बराबर के हकदार होते। वो इसलिए क्योकि कम्पनी के मालिक किसी का हँक नही मारते थे। और उन्होने मेरी भी बहुत मदद की है। और उन की बजाह से मे कही बार 15,000/- रू प्रती माहिना भी कमा चुका हुँ। जब भी किसी और कम्पनी का फोन आता तो मेरे सर मुझे तुरन्त उस पते पर जाने के लिए कहते। आजतक हमे बहुत से कौल आते है। और कहते है कि हमे भी आपकी कम्पनी की सरविस चाहिए। वो इसलिए क्योकि दुसरी कम्पनी वालो को हमारी सरविस बहुत अच्छी लगती है। और अपके रेट भी बहुत कम है। और इस तरह हमारी कम्पनी ने बहुत सी कम्पनी की website बनाई है। और हर किसी की जुबान पर हमारी कम्पनी का नाम चडा हुआ है। एक बार मे अपने दोस्त के साथ कही बाहर गुमने गया वहा पर उससे उसका दोस्त मिल गया और उसके दोस्त की factory है। और मेरे दोस्त ने अपने दोस्त को कहा कि यह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है।और इसकी web designing की कम्पनी है। और इन की कम्पनी की सरविस बहुत अच्छी है। मेरे दोस्त के दोस्त ने कहा यार मैने भी अपनी factory की website बनाई हुई थी पर मैने उस पर लाखो रूपए खराब कर दिए और उसकी बजह यह थी कि एक तो यह थी कि मेरी factory की site का नाम google पर नही आता था। मैने बहुत सी web company से अपनी site पर काम करवाया पर मुझे कोई profit नही हुआ और मेरा बहुत नुकसान हुआ और मेरा loss पर loss होता गया। तभी मेरे दोस्त ने अपने दोस्त को सलाह दी कि तू एक बार आपनी factory की site इस की कम्पनी से बनवा कर देख और अगर तुझे कोई site पर problem लगी तो मे तेरे नुकसान की भरपाई करूगा। तभी मेरे दोस्त के दोस्त ने हां करदी और उसने हमारी कम्पनी से आपनी factory की site और google का काम करवाया और उससे अपनी factory की site से बहुत profit हो रहा है और उसके factory की site के keywords भी google के first page पर अाते है और मेरे दोस्त के दोस्त ने हमारी कम्पनी की बहुत प्रसंशा की और कहा अाज मेरा काम आपकी बजह से बढ गया है और मुझे अपनी factory की site से बहुत profit हुआ है। मे आपका बहुत शुकर गुजार हुँ मे आपका दिल से thanks करता हुं। भगवान आपकी कम्पनी का नाम रोशन करे।

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