Hello दोस्तो, मेरा नाम Rajan है | मैं आपको अपनी कहानी सुनाता हूं | मैं एक Middle Class Family से हूं | इस वजह से हमारा Financial Condition थोड़ा Weak था | मैं इतने में ही खुश हूं क्योंकि मेरे Parents मुझे किसी चीज की कमी नही रहने देते और मैं अपने घर के हालात जानता हूं और इसलिए मैं कोई Demand नही करता हूं | हम लोग अपने गांव में रहते थे | मैं वहीं पर अपनी पढ़ाई करता हूं | मैं बस इतना जानता हूं कि मेरी पढ़ाई और मेरे Mummy-Papa मेरे लिए भगवान हैं | मैं रोज़ सुबह उठकर अपना काम खत्म कर अपनी Class करने निकल जाता हूं | Institute हमारे घर से 5 Km दूर है | वहां एक लड़की जिसकी नाम Janvi था | वो मेरे साथ जाया करती थी | वो बहुत ही खुबसुरत थी | वो रोज़ हमारे घर फूल लेने आती थी | मेरे Mummy-Papa को Janvi पसंद थी | क्यूंकि उसका स्वभाव बहुत अच्छा था | हम दोनों रोज़ साथ में Class करने निकल जाते थे और बहुत बातें करते थे और Institute कब आ जाता था हमें पता भी नही चलता था | मुझे भी Janvi पसंद थी | लेकिन मैं नही चाहता था कि मुझे उससे प्यार हो जाए | क्यूंकि मैं एक Middle Class Family से हूं | और शायद मैं उसे खुश ना रख सकूं | हम दोनों सिर्फ दोस्त थे और ऐसे ही दिन बीत रहे थे | हम दोनो College भी जाते थे लेकिन वो लडकियों वाले College में थी तो हम दोनों का College अलग था | मैं College से 2 बजे घर आ जाता था और थोड़ा पढ़ाई भी कर लेता था | Janvi शाम को हमारे घर आती थी और Mummy के साथ मदद कराती थी | वो रोज़ हमारे घर इसलिए आती थी क्योंकि उनके घर से हमारा अच्छा Relation था | घर भी पास में ही था | एक दिन दोनों Family ने इरादा बनाया कि Ram Ji के मन्दिर में जायेगे | तो मैं ये सुनकर बहुत खुश था | क्योंकि मुझे Family के साथ बाहर जाना बहुत अच्छा लगता है | हम लोग Ram Ji के मन्दिर में घुमने चले गये | वो मन्दिर बहुत सुंदर था | हम वहां पूजा की, घूमें और बाद में दोनों Family बैठकर बातें करने लगे | वो मन्दिर एक नदी के पास था और Janvi बोली कि चलो वहां घुमने चलते हैं | हम दोनों अपनी Family से Permission लेकर वहां घुमने चले गये | हम वहां जाकर दोनों पानी के साथ खेल रहें थे | मुझे Janvi के साथ घूमकर बहुत अच्छा लगा | फिर हम घर चले गये | वो मेरा सबसे अच्छा दिन था | हम दोनों Family में अच्छा Relation था | एक दिन मैं College में था और मेरी Mummy का फ़ोन आया कि बेटा जल्दी से घर आजा मैं बहुत परेशान हो गया क्योंकि Mummy रो कर बात कर रही थी | तो मैं जल्दी से घर चला गया | जब मैं घर गया तो कोई घर में नही था और मैं और ज्यादा परेशान हो गया और मैंने Mummy को दुबारा फ़ोन किया तो Mummy रो कर बोली कि बेटा Janvi के घर हूं | मैं भागकर वहां गया | मैंने जो वहां देखा मुझे यकीन नही हुआ और मैं रोने लग पड़ा | वहां बहुत भीड़ थी और Janvi बहुत रो रही थी | Mummy-Papa उसके Mummy-Papa का Accident हो गया था और Janvi का उसके Mummy-Papa के बिना कोई दूसरा नही था | Mummy, Janvi को अपने घर ले आए | मैं, मेरे Mummy-Papa और कुछ लोग मिलकर Janvi के Mummy-Papa का अंतिम संस्कार करने गये | हम रोग देर रात घर आए | तब भी Janvi बहुत रो रही थी | मैं Janvi को समझाया और वो वो मुझसे लिपट कर रोने लगी | मुझसे उसकी हालात देखी नही गयी और बहुत समझाने के बाद वो थोड़ा चुप हुई | इसके बारे में Janvi को कुछ नही पता था कि उनका Accident कैसे हुआ है | एक दिन Janvi ने मेरे Mummy को पूछ ही लिया कि उनका Accident कैसे हुआ है | और Mummy बोले कि तेरे Mummy और मैं बाज़ार में सब्जी लेने गये थे और तुम्हरे पापा तुम्हरे लिए गिफ्ट लेने गये थे और जब हम लौट कर आ रहें थे तो एक बस बहुत तेज़ आई तुम्हरे Mummy ने मुझे बचाने के लिए मुझे धक्का दिया और तुम्हरे पापा तुमाहरे Mummy को बचाने आए और उन दोनों का Accident हो गया | ये सुनकर वो रो रही थी और तब Mummy घर से जाकर एक Gold Chain लाइ और Janvi को दे दिया और Janvi ने पूछा कि ये क्या है Aunty तो Mummy बोली कि आपके पापा बोले कि अगर हमारा इस दुनिया में कोई है तो वो आप हो | और मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरी बेटी की शादी आपके लड़के से हो | ये बोलकर चुप हो गये | वहां ये सुनकर वहां ही बैठ गया क्योंकि दोस्तो मैं Janvi से शादी नही करना चाहता था | क्यूंकि मैं एक Middle Class Family से हूं | और शायद मैं उसे खुश ना रख सकूं | पर Janvi को इससे को परेशानी नही थी | मैं भी Janvi को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं | उसके जैसे लड़की मुझे कभी नही मिलेगी | पर दोस्तो मैं Janvi से शादी नही करना चाहता था और मैं ये ना चाहते हुए भी करना पड़ेगा क्योंकि ये Janvi के पापा की आखिरी इच्छा थी |