मेरा नाम सीमा (बदला हुआ नाम) है। मैं एक बहुत गरीब परिवार से सम्बंध रखती हुुँ। मेरे पापा कुछ काम ना करते बस जो पैसा कभी मिलता उससे वो शाराब पी जाते। मेरी मां ने कपडे सिलाई कर मुझे पढाया। मेरी उमर उस समय केवल 17 साल 11 महीने थी मेरी शादी तय कर दी गई क्योकि मेरी मां को पता था कि उनके पास मेरी पढाई के लिए पैसे ना थे। और मेरे पापा को सिफँ एक ही चीज प्यारी थी वो थी शाराब।
मैं बहुत खुबसूरत थी। मेरे मन मे कई सपने थे। कहानिया पढ कर लगता था कि मेरी शादी बहुत बडे घर मे होगी। पर मुझे नही पता था इस समाज मे लडकी होना पाप है। जिस ने भी मेरी मदद करनी चाही उसकी नजर मे मैने खोट पाया। मैं इस बात को शुरू से ही मुझे बहुत दुख दिया है। हर किसी ने मुझे गलत ही चाहा।
मेरी शादी छोटी उमर मे कर दी गई जिनकी उमर मुझ से लगभग दुगनी थी। शायद उन्होने मेरे पापा को शराब पिला पिला कर मुझे खरीद लिया था पर मैं उन्हे यह दोष नही दे सकती क्योकि गलती तो सारी मेरे पापा की थी जो उन्होने मेरी शादी इतनी छोटी उमर मे कर दी। मैं शुरू से उन्हे अपना पती नही मान सकती थी। क्योकि हमारी उमर मे बहुत फक॔ था। मैं हर वक्त उनसे उल्टा बोलती उन्हे हर बात पर जबाब देती उन्होने फिर भी मेरी हर इच्छा पुरी की।
मैने कहा मैं पढना चाहती हुँ। तो उन्होने मुझे B.C.A मे दाखिला करवाया। मै अपनी B.C.A मे कभी अपनी सहेलियो को अपने पती से नही मिलवाया। जब भी वो कहती तेरे पती देखने मे कैसे है तो मैं टाल देती। सच मे पहले 4 साल तक मेरा मन ही नही उनसे लगता। फिर मेरी B.C.A complete हो गई मैने B.C.A पुरी कर ली फिर मैने M.S.C IT मे दाखिला ले लिया मेरी M.S.C भी पुरी हो गई। उन्होने मेरी हर इच्छा पुरी की अगर कभी गलती की है तो मैने और उन्होने मेरी हर गलती को माफ किया है। फिर हमारे घर एक गुडिया आई उसके एक साल होने के बाद मैंने job शुुरू कर दी हालाकी मुझे job की जरूरत ना थी क्योकि मेरे पती का Business बहुत अच्छा चलता है पर उन्होने मेरी यह इच्छा भी पुरी की मेरी job शुरू हो गई मैने तो job इसलिए की थी कि क्योकि मेरा घर मे मन नही लगता था पर मुझे क्या पता था कि यह मेरी जिंदगी ही बदल देगा।
शादी को लेकर मेने मन मे अभी भी गुस्सा था क्योकि यह शादी मेरी मजीॅ की ना थी उस समय मेरी Life मे एक लडका आया उसकी उमर मेरे से 5 साल छोटी थी। मुझे वो अच्छा लगने लगा। मैं भी बार बार उसे बुलाती या phone करती वो बहुत खुश होता था। मैं यह जान बूझ कर करती थी शायद मैं अपनी जिंदगी से गुस्सा थी मुझे यह मालूम था कि एक शादी शुदा लडकी के लिए किसी और के लिए feelings develop करना गलत बात है। पर पता नही उस लडके मे क्या बात थी जो मैं उसके पास चली जाती थी।
office मे भी हर कोई मेरे स्वभाव से डरता था पर मैं उसकी हर बात मान लेती थी। शायद मुझे उससे प्यार हो गया था वो अगर मुझसे कही निलने को कहता तो मैं मान जाती पर उसके मन मे मेरे लिए कोई गलत feelings नही थी।
शायद मेरे मन मे उसके लिए गलत feelings थी वो मुझ मे अपना दोस्त देखता था और मैं उसमे अपना प्यार ढुडती थी।
मैं उसे रोज message करती और वो भी मुझे दिन मे दो तीन बार message कर ही देता था। मै जानबूझ कर उसके message अपने पती के सामने पढती अगर वो पुछते तो मैं कह देती आप मुझ पर बहुत शक करते हो केवल मेरा अच्छा दोस्त है। एक बार मेरा mobile पर message की ring हुई उसका message आया था पता नही message मे क्या था वो मे देख रही थे मैने जानबूझ कर उनका शक बढाने के लिए message delete कर दिया इस तरह हमारे बीच तू तू मैं मैं होने लग पडी।
जितना वो इस बात को लेकर परेशान होते मुझे इस बात मे उतना ही मजा आता उस लडके को हमारे घर की बातो के बारे मे ज्यादा नही पता था। वो तो केवल मुझे एक दोस्त की नजर से देखता था। मेरे पती मुझे Office छोडने और ले जाने लगे। मुझे इस बात से और अच्छा लगने लगा कि मेरे पती तो है ना जो चाहे शक के कारण ही मेरा इतजार करते रहते है।
कई बार मैं जानबूझ कर उनका phone काट देती और कई बार अपना phone switch off कर देती। क्योकि मेरे phone बंद होने से वो बहुत tension मे रहते अगर पुछते तो मैं कह देती थी office मे ज्यादा काम होता है इसलिए मैं phone ना कर सकी।
उस लडके से बाते कर मेरा मन खुश रहता मैं घर जाकर भी उसको call करती शायद वो भी खुश हो जाता मुझसे मजाक भी कई बार करता था कि अगर तुम्हारे पती को पता लग गया कि तुम मुझ से बात करती हो तो वो मुझे जान से मार देगे। तो मै भी उसे कह देती डरते हो तुम मेरे पती से।।
मेरे पती हमारे दोनो के कारण बहुत tension मे रहने लग पडे थे। पर मुझे यह अच्छा लगता था शायद जो मेरे मन मे शादी को लेकर गुस्सा था यह सब उसकी तरफ से था। मेरे पती ने मेरी phone details निकलवा ली । और एक दिन मेरे सामने रख कर बोले क्या अब भी तुम कहोगी तुम दोनो अच्छे दोस्त हो। मैने कहा हां हम सिफँ दोस्त है क्या मुझे इतनी आजादी भी नही क्या मैं किसी से बात कर सकू। उनके पास मेरी इन बातो का उतर नही था पर वो बहुत परेशान रहने लगे थे। मैने कई बार उन्हे समझाने की भी कोशीश की पर वो नही मानते थे मेरे बारे मे गलत गलत बाते करते मेरा नाम उसके साथ जोडकर उलटी सीधी बाते करते। हालाकि अभी हमारा( मेरा और उस लडके) का कोई wrong relation नही था पर फिर भी उनको शक था कि जरूर मेरे और उस मे कुछ गलत है पर उनके पास कोई सबूत नही था मुझे गलत साबीत करने को।
वो बहुत परेशान रहने लग पडे थे मैं और उस लडके के करीब जाती गई। उसके साथ घुमने जाती फिल्म देखने जाना आदि आम बाते हो गई थी। मेरे पती ने कई जगह पर मेरी और उस लडके कुछ snaps ले ली थी मुझे दिखा कर कहते कि क्या यह है तुम्हारा office मेरे पती मुझे छोडना नही चाहते थे क्योकि मेरी तो जवान उमर थी मुझे कोई और साथी भी मिल जाता पर मेरे पती को इस उमर मे और नही मिल सकती थी मैं इस का फायदा उठाती और उन्हे ज्यादा परेशान करती।
जब उन्होने मुझे मेरे photo दिखाए जो उसके और मेरे थे तब मैने कहा हा मैं उस साथ घुमने गई थी पर मतलब यह तो नही कि मैं गलत हुँ। हम दोस्त है। अगर हमारे बीच कुछ गलत है तो उसे prove करके दिखाओ मेरे पती शायद मुझे प्यार थे इस कारण मेरी हर तरह की गलती को बदाॅशत करते रहते। कई बार उन्हे शक इतना ज्यादा होता कि उन्हे लगता कि मेरे उस लडके के साथ गलत (wrong relation) है पर फिर भी वो कुछ ना कर पाते।
हमारे घर मे काफी tension का माहौल रहता एक बार तू तू मैं मैं काफी बढ गई मेरे पती ने गिलास मेरे सिर पर मारा मेरे सर से खून निकलना शुरू हो गया तब फिर उन्होने माफी भी मागी पर मैने उन्हे बुलाना बंद कर दिया।
अगले दिन जब मैं office मे गई तब मेरे सिर पर चोट का निशान देख कर उसने कहा क्या हुआ है। तब मैने सारी बात उसको बता दी उसने कहा तुमने इस बात को इतनी देर छुपाया क्यो है क्योकि हम दोनो के बीच कुछ गलत नही है। फिर तुमने ऐसा शक क्यो पैदा होने दिया फिर मैने अपनी सारी कहानी बचपन से आजतक उसे समझा दी।
तब वो जल्दी ही सारा मामला समझ गया और वहा से उठ कर चला गया मैने उसे रोकने की कोशीश भी की पर वो नही रूका । शाम को मैं घर मे थी और वो हमारे घर मे आया मेरे पती वहा थे मेरे पती का blood pressure उसे देख कर बढ गया। पर उसने बडे शांत स्वभाव से मुझे कहा please आप जाओ मुझे इनसे कुछ जरूरी बात करनी है।
फिर मैं अंदर चली गई उसने सारी बात मेरे पती को बता दी कि क्यो मै ऐसा करती थी। उसने मेरे पती को विश्वास दिलाया कि हम दोनो मे कुछ गलत नही है। वो ( मैं) जानबूझ कर आपको तंग करने के लिए ऐसा करती है। मेरे पती ने भी समझदारी से काम लिया और मुझे बुला लिया।
हम तीनो इक्ठठे थे मैं शमॅ के मारे सिर नही उठा पा रही थी तब मेरे पती ने कहा मैने तुम्हे माफ किया तब मैने भी उन्हे गले से लगा लिया और कहा please मुझे और शमीॅदा ना करो आगे से कभी गलती नही होगी और नही मैं आपको तंग करूगी।
वो लडका वहा से चला गया और जो हमारा relations को लेकर मतभेद पैदा हुए थे उन्हे उसने खत्म कर दिया।
आज इस बात को लेकर तीन साल हो गए है। अब वो अकेला मैरा दोस्त ही नही मेरे पती भी उसकी दोस्ती की list मे शामिल है। हम सब कई family function attend कर चुके है। अब उसकी भी शादी हो चुकी है।
सच मे मेरे मन मे कई बार यह आता है कि मेरे पती दुनिया के सबसे अच्छे पती है जो उन्होने मेरी सारी गल्तीया माफ कर दी अब मुझे उनसे कोई गुस्सा नही है मै सच मे आज अपने पती को बहुत प्यार करती हुँ।
मैं सबसे कहना चाहुगी कि अगर कुछ गलत होता है तो ठीक भी होता है। कभी भी कोई जिंदगी मे गलत कदम ना उठाना क्योकि एक बार समय निकल जाए तो वापिस नही आ सकता।