कहा जाता है घर वालों से अच्छे होते है बाहर वाले | यह बात काफी हद तक सही भी है | कभी कभी बाहर वाले जो कर देते है वो घर वाले भी नहीं करते | यह तो आप सब ने भी आजमाया होगा |
इस बात का एहसास मझे तब हुआ जब मैं ज़ख़्मी हालत में सड़क पर पड़ा था और मेरा भाई मुझे देख मुझे छोड़ वहां से सीधा भाग गया था |
मैं और मेरा भाई बचपन से बहुत लड़ते थे | हमारे माता पिता हमेशा हमें सिखाते थे कि तुम भले ही जितना मर्ज़ी लड़ लो पर परिवार में जब भी किसी पर भी तकलीफ आये तो पीछे नहीं हटना | कहीं ना कहीं मेरे दिल में यह बात बैठ गयी थी |
एक बार मैं और मेरा भाई माँ के कहने पर बाज़ार से घर का कुछ सामान लेने गए थे | अचानक सामने से बस आते देख मैंने अपने भाई को धक्का दिया और बस मुझे टक्कर मार कर चली गयी | अनुमान था की यदि मैं ऐसा नहीं करता तो मेरा भाई आज उस हालत में पड़ा होता जिसमें मैं आज हूँ |
मेरा भाई मुझे उस घायल हालत में छोड़कर वहां से चला गया | उस दिन मुझे अपने माता पिता की बात याद आई | मेरा भाई कभी भी मुझसे प्यार नहीं करता था | नाजाने किस अजनबी ने मुझे नजदीक हस्पताल में भर्ती कराया और मेरे माता पिता को बुलाया | मैं उस अजनबी का बहुत बहुत शुक्रिया अदा करता हूँ जिसने मुझे ऐसी हालत में अकेला नहीं छोड़ा और मेरी मदद की |