इंसानियत एक ऐसा गुण है जो शायद किसी किसी व्यक्ति में ही पाया जाता है | मैं तोशी एक 60 साल की रिटायर्ड सरकारी नर्स |आज तक मैंने अपनी ज़िन्दगी में हमेशा किसी को दुखी और अपनी सहायता से निराश नहीं किया | मैं अपने मरीजों के साथ हमेशा उनकी बहन या बेटी बन कर ही उनकी सेवा करती आई हूँ | शादी ना करना मेरा अपना निर्णय था | माँ बाप की मृत्यु हो जाने के बाद मरीजों की सेवा में अपना पूरा ध्यान लगाना जैसे की मेरी आदत बन गयी थी | मैं मानती हूँ की केवल पैसा ही इंसान को बड़ा नहीं बनाता बल्कि इंसानियत उसे बड़ा बनाती है |
वो दिन मेरी रिटायरमेंट के एक हफ्ते बाद का था | मैं जब सुबह उठी तो मेरे दरवाज़े पर एक व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा हुआ था | मैं उसे देख एक बार तो डर ही गयी थी | मैंने उसकी हाथ की नस से पता लगाया की वो अभी जिंदा था | उसे उस समय इलाज की ज़रूरत थी | मैंने मौहल्ले वालों की मदद ली और उस व्यक्ति को अन्दर ले आई | मैंने उसका इलाज किया और उसकी मलहम पट्टी भी की | तीन दिन बाद उस व्यक्ति को होशा आया |धीरे धीरे उस व्यक्ति की हालत में सुधर दिखाई दे रहा था |
उससे पूछने पर पता चला की आँखों की रौशनी कम होने के कारण उसे सामने से आती बस नहीं दिखाई दी और उसकी टक्कर हो गयी | पर किसी ने भी उसकी मदद नहीं की | हिम्मत करके वो रोड से लगे हुए घर के चबूतरे पर जा कर बेहोश हो गया और आगे उसे कुछ नहीं पता |
मुझे उसको बचा कर बहुत ख़ुशी हो रही थी | और मुझे फिर एक बार इंसानियत का साथ देकर बहुत गर्व महसूस हो रहा था |
ye tumne sahi kaha, is duniya ne insaniyat bahut kam dekhne ko milti hai