एक गांव में एक घर था | वो घर बहुत पुराना था बहुत कम लोग उस जगह पर रहते थे, एक बार एक परिवार उस गांव में आया और उस घर में रहने लगा| लोगो ने उन्हें बहुत समझाया के ये जगह रहने के लिए अच्छी नहीं है
लेकिन आदमी ने कहा – के वो अन्धविश्वास में यकीन नहीं करता , और वो वहां रहने लगे
उस घर के आंगन में एक पेड़ था जिसकी टहनिया पुरे घर पर फैली हुई थी एक चादर की तरह, उस घर में रहने वाली औरत ने रोज उस पेड़ को पानी देना शुरू कर दिया
लेकिन रात को वो पेड़ जोर जोर से हिलता घर वाले इसे तूफान समझते थे और अंदर चले जाते |लेकिन एक बार उस औरत का पति काम से बाहर गया था और जब वो रात को वापिस आया तो उसने देखा के उसके घर के आंगन का पेड़ जोर जोर से हिल रहा है लेकिन पुरे गांव में किसी पेड़ का पत्ता भी नहीं हिल रहा
ये देख कर वो घबरा गया और जल्दी से घर में गया उसके बच्चे और पत्नी ठीक थे, लेकिन वो समझ नहीं पाया क ये पेड़ क्यू हिल रहा है |
अगले दिन उसने पेड़ को काटने वाले को बुलाया जैसे ही वो पेड़ काटने लगा पेड़ जोर जोर से हिलने लगा
ये देख कर पेड़ काटने वाला डर कर चला गया
आदमी और उसकी पत्नी बहुत डर गए , फिर उन्होने सोचा क इस पेड़ को खोद कर देखते है वो पेड़ को खोदने लगे
तभी उन्होने देखा कि पेड़ के नीचे एक कंकाल पड़ा हुआ है तभी एक औरत की आवाज आई “ये मेरा घर था मुझे मेरे पति
ने मार कर निचे दबा दिया था , सालो तक मेरी आत्मा इसी पेड़ में थी आपका बहुत धन्यवाद् जो आपने मुझे मुक्ति दिलाई”
ये बोल कर वो चली गयी और आदमीं और उसके परिवार वहां रहने लगे और उन्होंने एक नया पौधा लगाया |
Acchi kahani hai