दोस्तों, मै हिमाचल की रहने वाली हूँ। आज मई आपको एक ऐसी लव स्टोरी के बारे में बताऊँगी जिसको मई ज़िन्दगी भर नहीं भुला पाऊँगी। ये बात है दोस्तों उस वक्त की जब मै अपनी सहेली की शादी अटेंड करने बटाला आयी थी। इस समय मै करीब स्तरा वर्ष की थी। मुझे करीब से याद है की उसने उस समय नीले रंग की शेरवानी पहनी थी। वो भी अपने दोस्त की शादी अटेंड करने जोधपुर से आया था। जब पहली बार उसने मुझे बुलाया तो मई बिलकुल घबरा गयी क्योंकि मै हिमाचल की रहने वाली, कभी किसी अजनबी से बात न करने वाली लड़की थी। उसने पहले मुझसे मेरा नाम पूछा। मई डरते-डरते उसे अपना नाम बताया। फिर धीरे-धीरे मैंने उसके साथ बात करनी शुरू की।
देखते-देखते हम दोस्त बन गए और फिर हर रोज़ हम फ़ोन पर बात करते। इस तरह हमारी दोस्ती गहरी हो गयी। फिर एक दिन मेरी माँ ने मुझे बात करते हुए देख लिया और मुझसे पूछने लग पढ़े। मैंने अपनी माँ को सब कुछ सच-सच बता दिया। मेरी माँ ने मुझे बात करने से न रोका। लेकिन उन्होंने मुझे कई बातें समझायी। मैंने भी उनकी हर एक बात को ध्यान से समझने की कोशिश की, मगर मेरे ऊपर इश्क़ का जनून सवार था। कुछ दिन बीत जाने पर एक दिन वो हिमाचल मुझसे मिलने आया। उस समय मै बहुत ही ज़्यादा खुश थी। मेरी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं था।
जब मै उसे मिली तो मई बहुत खुश थी। उसने मुझे साथ चलने को काहा। मै उसके साथ जाना चाहती थी मगर फिर मुझे मेरी माँ की सिखाई हुई बातें याद आयी और मेरे कदम वही रुक गए। जब मैंने उसकी आँखों में देखा तो मुझे उसका प्यार सच लगा मगर उस समय मई कुछ नहीं थी कर सकती क्योंकि मुझे मेरी माँ की सिखाई हुई सीख याद आयी। वो मुझे साथ लेकर जाने के लिए बेकरार था। उस समय उसको लगा के मै बेवफा हूँ मगर। लेकिन उसको क्या पता की मेरे अंदर कितना दर्द था। ये वो महोबत है जिसको मई अपनी पूरी ज़िन्दगी भुला नहीं पाऊँगी। काश वो मेरी मजबूरी समझ पता। काश वो समझ पता की मेरे अंदर कितना दर्द है, बस जखम ही नहीं नज़र आ रहा।
ye dard hi to sehna mushkil hai..