Mom, I LOVE U

मैं राधेश हूँ। आज मैं एक डॉक्टर हूँ। और ये सब मेरी माँ की मेहनत का नतीजा है। मेरे पिता की मौत के बाद मेरी माँ ने बहुत मेहनत की। अनपढ़ होने के बावजूद उन्हें जो छोटा मोटा काम मिलता सब करने लगती जैसे दूसरे के घरों में सफाई ,कपडे धोने , कपडे सिलने आदि…. पर मेरी माँ ने मेरी पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं की। पर मुझे अपनी एक भूल का पछतावा आज तक होता है जब मैंने एक छोटी सी बात पर अपनी माँ को बहुत बुरा भला कहा साथ ही उनकी ममता को कोसा।

मैंने अभी नया नया मेडिकल कॉलेज ज्वाइन ही किया था। मुझे कॉलेज के और बच्चों की तरह महंगी चीज़ों की लत लगनी शुरू हो गयी थी। मेरे साथ के दोस्तों के पास महंगी गाड़ी, महंगे फ़ोन ,महंगे कपडे ये सब था। पर मेरे पास ऐसा कुछ नहीं था। कॉलेज के दो महीने बाद मेरा जन्मदिन आया। और मैंने अपने माँ से जन्मदिन के तोहफे के रूप मे महंगा फ़ोन लेने की मांग की। फ़ोन 18 हज़ार रूपए का था। पर मेरी माँ बेचारी क्या कहती। इतने पैसे उनके पास नहीं थे। मेरी माँ चुप रही।

अगले दिन मेरी माँ 1200 रूपए का एक सस्ता फ़ोन ले आई और मुझे उपहार के रूप में दिया। पर ये क्या फ़ोन को देख मुझे गुस्सा आया और मैंने उसे दूर फेंक दिया। मैंने उन्हें बहुत खरी खोटी सुना दी। औरों के माँ बाप तो उनकी ख्वाहिशें पूरी करने में कमी नहीं रखते पर मेरी माँ मुझे हमेशा कम पैसे वाली चीज़ से संतुष्ट करती है। ऐसा कह कर मैं वहाँ से अपने कमरे में चला गया। उस दिन पूरा दिन इसी बात को सोच कर मैं कमरे में ही बंद रहा। पर आज मुझे लगता है कि मैंने ये बहुत गलत किया। उस दिन मेरी माँ को बहुत दुःख हुआ होगा। आज मैं अपनी माँ की पूजा करता हूँ और उन्हें दुनिया की हर ख़ुशी देना चाहता हूँ।

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