मेरी दुसरी शादी हो चुकी है पर मैं अभी भी अपने पती को प्यार नही दे पा रही हुँ। मेरा नाम रीया(बदला हुआ नाम) है मैं जालन्धर की रहने वाली हुँ। मेरे पहले पति का नाम प्रेम (बदला हुआ नाम) था। हमारी शादी आज से आठ साल पहले हुई थी। शादी के वक़्त मेरी ऊमर केवल17 साल थी। घर वालो ने मेरी जल्दी कर दी थी क्योकि मै बहुत खुबसूरत थी और घर वालो को भी यही लग़ता था कि यह लडकी किसी लडके के साथ न भाग जाए पर सच कहू मैं लडको से बाते तो करती थी पर कभी भी मेरे दिल मे ऐसी बात न थी पहले मेरे और प्रेम के बीच मैं ज्यादा तालमेल नही था। क्योकि उनकी ऊमर उस वक्त 30 साल थी। हमारी ऊमर मे ज्यादा फरक होने के कारण पहले हम एक दुसरे से प्यार नही करते थे हमारे बीच मे शादी का बंधन तो था पर कभी भी मै उन्हे अपना पती नही मान पा रही थी। पर प्रेम बहुत अच्छे इन्सान है उन्होने मेरा इंतजार किया कि मै उनके नजदीक आ जाऊ।
मै भी कुछ जिदी थी मै भी कहा आसानी से मानने वाली थी पुरे तीन साल बाद जब हमारी Marriage Anniversary थी तब हम दोनो Himachal घुमने गए। वहा जाकर मैं प्रेम को अच्छी तरह समझ पाई वो हर बात मे मेरा ध्यान रखते थे वो सच मे मुझ से बहुत प्यार करते थे। एक दिन जब हम घुमने निकले तो मेरा पैर फिसल गया और मेरे पैर मे मोच आ गई और तब मुझ से चला नही जा रहा था। तब प्रेम ने मुझे अपनी गोद में अठाया और उठा कर होटल तक लेकर आए। उस दिन मुझे भी प्रेम से बहुत प्यार हो गया था। हम दोनो एक दुसरे के दिल के बहुत करीब आ चुके थे। पर दो साल ऐसा ही चलता रहा था यह दो साल हमारे जीवन के लिए बेहतरिन पल थे जब प्रेम सच मैं मेरे बहुत पास थे। हम दोनो रोज घुमने फिरने जाते जो कुछ भी मुझे चाहिए होता प्रेम मेरेे क़हने से भी पहले ही लेकर आ जाते। एक दिन प्रेम ने मेरा Phone देख लिया जिस मे कुछ Message थे। जो शायद एक पती कभी भी अपनी पत्नी के Phone पर देखना पसंद नही करेगा। पर उसमे ऐसा कुछ गलत नही था वह Message करण(बदला हुआ नाम) के थे। जब हम आपस मे इतने पास न थे तब क़रण से मै बाते करती थी हमारे बीच में सिफँ Friendship के इलावा और कुछ नही था। करण और में सिफँ एक अच्छे दोस्त थे जब भी करण मुझ से मिलते तो मैं उनसे अपने घर की बाते करती तो मेरा दिल हल्का हो जाता। मैने कभी भी करण को गलत नजर से नही देखा है और न ही करण ने मुझेे।
कई बार मैने उसे अपने घर मे भी बुलाया था जब मै घर मै अकेली होती थी पर करण ने सच मे मुझ से कभी भी कोई गलत बात नही की। सच मै करण से मेरी Friendship के इलावा और कुछ नही था। मैने करण के बारे मे अपने पती को कभी भी नही बताया क्योकि मुझे पता था कि वो हमारी दोस्ती के बारे मे कभी नही समझेगे। एक दिन मै करण के साथ कई घुमने गई थी तब मेरे पती हमारा पिछा कर रहे थे तो उन्होने हमारी कार रोक क़र मुझ से गुस्से से पुछा कहा जा रही हो मैने आराम से कहा हम बाजार जा रहे थे क्योकि मेरे मन मे कोई पाप नही था। हमारा रिशता बहुत पवित्र था। हमने कभी भी कोई गलत काम नही किया था। इसलिए मुझे लग़ा हमे डरने की क्या जरूरत है। तब मेरे पती ने पहली बार सडक पर मुझ पर हाथ उठाया तब मुझे भी गुस्सा आ गया पर मै बहुत शांत सभाव की हुँ मैने उन्हे बडे प्यार से कहा आप कुछ गलत समझ रहे हो। हम सिफँ एक अच्छे दोस्त है उन्होने फिर मेरी दुसरी गाल पर मारने के लिए अपना हाथ उठाया जो शायद करण से देखा नही गया और करण ने मेरे पती का हाथ पकड कर रोक दिया और क़हा Please आप रीया को मत मारो हम घर जाकर आराम से बात कर लेते है। हम सब लोग घर वापिस आ गए मेरे पती मुझे अपने साथ नही लेकर आए उन्होने कहा तुम उसकी कार मे ही वापिस आयो तो हम बात करेगे हम घर वापिस पहुचे तो मेरे पती ने सिधा मुझ से कहा बताओ तुम किस के साथ रहना चाहती हो मेरे साथ या क़रण के साथ मैने कहा आप के साथ तो उन्होने कहा फिर करण को तुम्हे छोडना होगा पर मेरा और करण का रिश्ता तो सिफँ दोस्ती का था।
मैने उन्हे बडे प्यार से समझाया की हम दोनो तो सिफँ एक अच्छे दोस्त है पर वो नही माने उन्होने कहा अगर तुम सिफँ दोस्त हो तो अभी मेरे साहमने करण को राखी बांधो मैने कहा धागे से क्या होग़ा हमारा तो मन पवित्र है वो मेरी बात नही समझ रहे थे उन्होने मुझे घर से निकाल दिया और दो दिन तक मै करण के घर रही तब तक यह बात मेरे बडे भाई को पता लग़ चुकी थी वो मुझे अपने साथ लेकर प्रेम के घर गए पर तब प्रेम नही माने और उन्होने मेरे Phone details और कुछ Photo जो उन्होने मेरे और करण के साथ खीचे थे वो मेरे बडे भाई को दिखाय और फिर मुझे घर से बहार निकाल दिया। मुझे पता था प्रेम जल्दी ही मान जाएगे क्योकि मैने कुछ गलत काम नही किया था मैं अपने पापा के घर मे उनका इतजार कर रही थी वो तो नही आए पर उन्होने तलाक के पेपर भेज दिए मेरी फोन काँल और फोटो के Base पर उन्होने मुझे तलाक दे दिया पर मै तो सच्चे मन से प्रेम से ही प्यार करती थी और आज भी करती हुँ। पापा ने जल्दी ही एक लडके से मेरी शादी कर दी हमारी शादी को दो साल हो चुके है। हम दोनो शादी के बंधन मे बंध गए है पर मैं सच में आज भी प्रेम से बहुत प्यार करती हुँ। शायद आप भी मेरी Feeling न समझ पाओ की एक लडकी के Emotion क्या होते है। कई बार मेरा दिल करता है मै सब कुछ छोड कर कही भाग जाऊ तो शायद मेरा मन शांत होगा। कल ही मै दुबारा प्रेम से मिलने गई थी तब उन्होने मुझ से आराम से बात की मैने उन्हे बताया मै सच में आज भी आप से प्यार करती हुँ। और आप के बिना मै नही रह सकती प्रेम भी मुझ से दुबारा शादी करने के लिए अब पुरी तरह तैयार है। पर जब मैने यह बात अपनी बडी बहन को बताई तो उसने कहा शादी कोई गुडे गुडिया का खेल नही है कि आज शादी कर लो और दुसरे दिन उससे तोड दो अब मुझे पता नही चल पा रहा था कि अब मै क्या करू अब आप ही मेरी मदद करे।