न जाने वो प्यार था या दर्द, ये तो मुझे भी नहीं पता। बस इतना ज़रूर पता है के मुझे तड़पने वाला भी सुखी नहीं होगा। मुझे ये भी नहीं पता के वो है कहाँ बस ये ज़रूर पता है के वो जहा भी है, जिसके साथ भी है, मुझे याद ज़रूर करता होगा और खुद को ज़रूर कोस्ता होगा। आखिर गलती भी तो उसी की ही थी।
वो ज़रूर खुदको कुछ ऐसा कहता होगा, जब भी मुझे याद करता होगा –
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो;
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो;
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना;
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो।
हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम है दीपू और आज मै आपको अपनी दर्द भरी कहानी बताने जा रही हूँ। दोस्तों, ये कहानी कुछ इस तरह से शुरू होती है, मै दोआबा कॉलेज में पढ़ती थी। मई फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी उसी दिनों मेरी मुलाकात एक अनजान लड़के से हुई। वो लड़का मेरी दोस्त का फ्रेंड था। एक दिन मेरी दोस्त रेखा ने मुझे अपने दोस्त मिंटू से मिलाया। पहले तो मैंने उसे मिलने से साफ़ मन कर दिया था, लेकिन रेखा के बार बार कहने पर मैंने हाँ कह दी। जब मई मिंटू से पहली बार मिली तो उसे देखते ही मेरे मन में उसके लिए फीलिंग्स आने लगी। मगर जब मुझे उसके बेहेवियर के बारे में पता चला तो वो अच्छा इंसान नहीं था।
वो इतनी हद तक बिगड़ा हुआ था कि उसको शराब के इलावा कुछ और दीखता ही नहीं था। जब मेरी दोस्त रेखा ने मेरी उसके साथ बात करवाई तो उसको देखकर कोई नहीं कह सकता के वो इतनी शराब पिता है। शकल से तो वो बहुत संस्कारी लगता है। फिर कुछ दिनों बाद दीपू ने मुझसे अपने प्यार का इज़हार किया। उस समय मई खुद को रोक नहीं पायी और मैंने हाँ कर दी। फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी शराब की लत छुडवानी शुरू की. दीपू मेरी हर बात मंटा था और इस तरह से उसकी शराब पिने की आदत छूट गयी।
सब कुछ सही चल रहा था। फिर एक दिन उसकी एक्स-गर्लफ्रेंड जो दीपू को छोड़ कर किसी और के पास चले गयी थी, वो वापिस आ गयी। पता नहीं उसने दीपू पर क्या जादू किया, दीपू ने मेरा फ़ोन उठाना छोड़ दिया और फिर दीपू भी उसके पास चला गया। जब मुझे यह बात पता लगी तो मुझे बहुत अफ़सोस हुआ। मै पूरी तरह टूट चुकी थी क्योंकि जिसको मैंने बेस्वार्थ चाहा, जिसे मैंने अपना सब कुछ समझा, जिसको मैंने इंसान बनाया, जिसको मैंने संभाला, आज वो मेरे को ही ठोकर मार कर अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ गया।