Hello फ्रेंड्स, मैं हूँ आकांशा और मैं अल्लाहाबाद की रहने वाली हूँ। अल्लाहाबाद में मैं अपनी दादी के साथ रहती हूँ। दादी माँ, मैं और मेरी माँ हम तीनो अकेले ही रहते हैं। मेरी माँ मुझे आगे पढ़ाना चाहती थी इसलिए मेरा स्कूल ख़तम हो जाने के बाद माँ ने मुझे आगे पड़ने के लिए विदेश भेज दिया। विदेश में मैं बिलकुल अकेली थी। फिर एक दिन मेरी मुलाकात योगेश से हुई। योगेश भी विदेश में पढ़ने ही आया था। जब हमारी पढाई पूरी हो गयी तब मैं अल्लाहाबाद दादी माँ के पास रहने आ गयी, लेकिन योगेश अभी विदेश ही था। विदेश में उसने नोकरी करनी शुरू कर दी।
मैं अल्लाहाबाद तो आ गयी थी मगर मेरा मन विदेश में ही रह गया। दिन-रात मुझे योगेश की याद सताती। मगर न तो मेरे पास उसका फ़ोन नंबर था और न कोई और साधन। फिर एक दिन योगेश मुझे मिलने के लिए अल्लाहाबाद आया। मैं उसको देखकर बिलकुल हैरान थी। उसने अल्लाहाबाद आकर मुझसे अपने प्यार का इज़हार किया। तब मैं भी उसे कहे बिना न रह पायी। योगेश ने मुझसे वादा किया की हमारा प्यार कभी भी ख़तम नहीं होगा। उसने मुझसे कहा “मै अपने पैरो पर खड़े हो के, independent होकर तुम्हारे पास ज़रूर आऊंगा और उस दिन मैं तुम्हारा हाथ तुम्हारी माँ और दादी माँ से मांगूंगा। मैंने उसकी हर एक बात पर विशवास किया।
और इस तरह दो साल बीत गए। मैंने माँ के कहने पर भी किसी के भी साथ शादी के लिए हाँ नहीं कहा और न ही मैंने घर में योगेश के बारे में किसी को बताया क्योंकि मुझे योगेश और उसकी बातों पर पूरा भरोसा था। इस तरह एक साल और बीत गया लेकिन योगेश नहीं आया। फिर एक दिन मुझे पता लगा की योगेश ने तो 2 साल पहले ही विदेश में PR लेने के लिए विदेश की लड़की से ही शादी कर ली और आज वो अपनी ज़िन्दगी में बहुत खुश है। ये सुनकर मुझे योगेश से ज़्यादा खुद पर गुस्सा आया और मैं खुद को कोसने लगी की मैंने कितनी बड़ी गलती की एक धोखेबाज़ इंसान पर विशवास करके।
मुझे योगेश से ज़्यादा खुद से गिल्ला है क्योंकि मेरी वजह से मेरी दादी माँ भी मेरी शादी बिना देखे परलोक चली गयी। काश मैंने अपनी माँ की बात मान ली होती।
Yapke nam kuchh line
Ye khuda tune Mejhe Kya dekha diya,
Esase pahale ki kuchha maga hota ,
Tu to sahara hi le gaya
Per me na tuti is jang me
Kyki mejhe Kud pe yakin tha
Yachha Hua wakt se Pahle
Kale badal hat gaya
Orna bhing ke Roni se
Yasu bhi chhip jata us pal ke liye…….
Written by roshan kumar
Dear Friends,
Have a nice day…!!!
Pls, Can you write the Thriller Stories…
Thanks & Regards,
Ashok Kumar Prajapati
Very emotional story