Akhir Aisa Kyun Kiya Aapne - True Romantic Sad Love Story In Hindi

Akhir Aisa Kyun Kiya Aapne – True Romantic Sad Love Story In Hindi

हेलो फ्रेंड्स, आज मै आपके साथ अपनी एक प्रेम कहानी शेयर करने जा रही हूँ। दोस्तों ये उन दिनों की बात है जब मै अपनी परिवार के साथ एक शादी अटेंड करने गया था। मेरे भाई सौरव की शादी थी. सौरव मेरी चची का लड़का है। जब हम शादी देखने गए, तब वह मेरी मुलाकात रबीना से हुई। रबीना सौरव की दोस्त थी। वो भी शादी देखने आयी हुई थी। रबीना ने मुझे बुलाया और इस तरह शादी में हमारी प्यार की पटरी शुरू हुई। रबीना बहुत ही कोमल, लम्बी हाइट वाली, गोर रंग की दिखती थी। रबीना ने धीरे-धीरे मेरे दिल और दिमाग पर कब्ज़ा कर लिया। इस तरह हमारा प्यार गहरा होता चला गया। हम रोज़ एक दुसरे से बातें किया करते थे। मगर रबीना मुसलमान थी और मै हिन्दू।

हमारे परिवार में इसकी बिलकुल भी भनक नहीं थी। सभी को ये ही लगता था के हम सिर्फ एक अचे दोस्त है जो एक शादी में मिले थे। मगर अस्सल सचाई तो हम ही जानते थे। रबीना ने मुझे अपने परिवार में बताने से सख्त मन किया था। मै रबीना से बहुत प्यार लरता था इसलिए मै उसकी बात कैसे टालता। लेकिन एक दिन रबीना के परिवार में पता नहीं किस तरह हमारे प्यार की भनक लग गयी। रबीना की माँ ने रबीना से अकेले में पूछा। तब रबीना ने माँ को साडी बात समझाई। जब माँ को पता चला के मै हिन्दू हूँ तो उन्होंने रबीना को बहुत डाँट लगाई। इस तरह रबीना के अंदर डर बैठ गया के अगर उसके आबू को माँ ने बता दिया तो मुश्किल खड़ी हो सकती है।

अगले दिन रबीना ने मुझे मिलने को बुलाया। मुझसे मिलने पर उसने साड़ी बात मुझे बताई। रबीना ने कहा मैं तुम्हे खोना नहीं चाहती और अब्बू हमें कभी भी एक नहीं होने देंगे इसलिए भाग जाना ही बेहतर होगा। मगर मै रबीना को भगाकर नहीं ले जाना चाहता था। मै चाहता था के मई उसके साथ सबके सामने शादी करू और समाज में से इस अंधविश्वास और इस निति को तोड़ आगे की ओर एक नया मार्ग बनाऊ ताकि रबीना की तरह कल को किसी ओर लड़की के मान में भागने का ख्याल न आये। मै उसी दिन रबीना को साथ लेकर उसके घर गया। मैंने रबीना के अब्बू को अपने और रबीना के प्यार का एलान किया। रबीना के अब्बू पहले तो मान गए लेकिन जब अगले दिन हमारी शादी थी, उस दिन अब्बू ने रबीना को जान से मार दिया। रबीना ठीक सामने मंडप पर मरी हुई पढ़ी हुई थी। तब मुझे लगा के मैंने दुनिया की सबसे बढ़ी गलती की जो रबीना की जान की दुश्मन कण गयी. आज तक मै उसकी यादों के सहारे इधर-उधर भटक रहा हूँ, उस दिन रबीना की जगह मुझे क्यों नहीं उठा लिया।

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