ये कहानी एक ऐसे लड़के की है जो एक लड़की के चक्कर में पागल हो चुका था और अपने माता पिता से आये दिन झूठ बोलता और अपनी जिद्द मनवाता था | उसके माता पिता उसे एक डॉ. बनाना चाहते थे | पिता किसान होने के बावजूद उसे पढ़ाने की इच्छा रखते थे | और माँ दिन रात उनके साथ खेतों में मजदूरी में लगी रहती थी | पर बेटे को पढ़ाने की इच्छा कभी कम नहीं हुई | कुछ समय बीता और उस लड़के ने 12 वी की परीक्षा में 96 प्रतिशत नंबर आये | यू तो वह अपने गाँव का बहुत होशियार और समझदार लडका था | पर किसी को क्या पता था कि वह ऐसी गलती कर बैठेगा | कॉलेज में एडमिशन के लिए पिता ने बैंक से एजुकेशन लोन उठा कर उसका दाखिला दिल्ली के एक बड़े कॉलेज में करा दिया | वहाँ का वातावरण बिलकुल अलग था | लड़का स्वभाव से काफी सीधा था | दुनिया दारी की जैसे उसे कोई समझ ही नहीं थी | वहाँ के गलत बच्चो की संगत में आकर एक लड़की के जाल में फस गया | उस लड़की के जाल को वह समझ नहीं पाया और उसके कहने पर घर वालों से नाजायज़ मांगे करने लगा जैसे नयी बाइक , नया मेहंगा फ़ोन और खर्चो के लिए हर महीने बीस हज़ार रूपए | पर ये पैसे किसी अच्छी जगह नहीं खर्च होते थे | ये तो ड्रग्स की गन्दी लत के लिए थे | माता पिता ना जाने कहाँ से इंतज़ाम करके भेज देते थे पर लड़के को उसकी कदर नहीं थी |
नशे की लत ने उस लडको को मरने पर मजबूर कर दिया था क्यूंकि माँ बाप अब समय पर पैसे नहीं भेज पा रहे थे | आज वो लड़का इस दुनिया में नहीं है | और माँ बाप अपनी गलती पर पछतावा करते है की क्यूं उन्होंने समय रहते उससे नहीं पूछा की वो इतने पैसो का क्या करता था |
लड़के के मरने के बाद उसके होस्टल रूम से उसका लिखा एक ख़त मिला जिसमे लिखा था “माँ – बाबू जी मुझे माफ़ कर देना “