अक्सर कहा जाता है कि हमें हमेशा अच्छे काम करने चाहिए | झूठ नहीं बोलना चाहिए | किसी को तकलीफ नहीं देनी चाहिए | हम सब अच्छे बनने की कोशिश भी बहुत करते हैं | पर पता नहीं क्यू हम सब के दिलों में कहीं ना कहीं एक चोर बैठा हुआ है जो हमसे गलत काम करवा ही देता है |
ऐसा मैंने उस दिन महसूस किया जब मैंने ना चाह कर भी गलत रास्ता चुना जो बाहर से तो अच्छा था और उसके बहुत से फायदे भी दिख रहे थे परन्तु ऐसा नहीं था | ऐसा कहीं ना कहीं मेरे मन के चोर ने मुझसे करा दिया | हालाँकि मन का चोर कोई इंसान नहीं हैं बल्कि बस हमारे अंदर छुपा हुआ हमारा लालच है जो हमें और ज्यादा पाने की चाह में हमसे गलत काम करा देता है |
मेरा नाम संजीव है | मैं एक आई टी कंपनी में काम करता हूँ | एक बार मुझे और मेरे ही साथ काम करने वाले साथी को कंपनी की तरफ से एक देश से बाहर जाने का अवसर मिला | हमे सपने दिखाए गए थे की बाहर हमारी ज़िन्दगी बहुत ही अच्छी होगी और कंपनी प्रमोशन भी देगी | मैं अपने परिवार के बारे में बिना सोचे समझे अपने मेनेजर को हाँ कहने चला गया | मेरे साथी ने जाने से मना कर दिया था क्यूंकि उसे अपने परिवार के साथ यही रहना था |
मेरे विदेश जाने पर मुझे महसूस हुआ की यह मेरा बहुत बिलकुल गलत फैसला था जिसमे कि मुझे अपने बूढ़े माँ बाप को छोड़ कर जाना पड़ा | हालाँकि वे बहुत बूढ़े थे | मेरे जाने के बाद मैंने बहुत कुछ पा तो लिया पर अपने माँ बाप खो दिए | मैं अपने इस फैसले पर बहुत पछतावा करता हूँ |