दादा जी की पीठ पर पिशाच के हाथ का निशान | thriller story| in hindi real story |

मेरे दादा जी गांव में रहते थे | वे बहुत बहादुर थे | गांव में लोग रात को बाहर नहीं जाते थे क्यू की उन दिनों आत्माओं चुड़ैलों का बहुत प्रभाव होता था |
लेकिन मेरे दादा जी इन सब से नहीं डरते थे | गांव के नज़दीक जंगल होने के कारण वे अपने खेत की देखभाल रात को भी करते थे | क्यूकि उन दिनों शेर चीते भी फसले खराब कर देते थे | मेरे दादा जी काफी रात खेत में ही रहते थे और देर रात बाद घर आते थे |

मेरे दादा जी अक्सर एक बात कहते थे कि जब भी आपको लगे की आपको रात के समय पीछे से कोई पुकार रहा है तो कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखना | और उसका कारण था की रात को कोई अनजानी चीजे घूमती है और वो आपको अपने वश में करने के लिए अलग अलग आवाजों से पुकारती है इसलिए पीछे मुड़ कर कभी मत देखना खास कर जब आप अकेले हो और रात का समय हो |
एक दिन मेरे दादा जी खेत से वापिस आ रहे थे | उन्हें किसी ने पीछे से आवाज लगाई लेकिन मेरे दादा जी ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा पुकारने की आवाज काफी देर तक दादा जो को पुकारती रही लेकिन दादा जी जानते थे की उन्हें कौन पुकार रहा है |
अब रोज ही उस पुकार की आवाज दादा जी को आने लगी | एक दिन दादा जी ने अपने पोते की आवाज सुनी | दादा जी घबरा गए और गलती से वे पीछे मुड़ गए
जैसे ही वो पीछे मुड़े तो आवाज आना बंद हो गयी | दादा जी घर पर आ गए | और उनका पोता घर पर ही था
दादा जी ने कपड़े बदले तभी दादी ने उनके पीठ पर हाथ का पंजा देखा | दादी ने कहा ये किसके हाथ का पंजा है | दादा जी समझ गए की मैं किसी पिशाच की माया में फंस गया हूँ |
अगले दिन दादा जी की तबियत खराब होने लगी | सभी वैध को दिखाइए पर कोई आराम न मिला | तभी उन्होंने एक चेले को बुलाया जो भूत पिशाच की विद्या जानता था उसने जब दादा जी को देखा वो समझ गए की इस पर किसी पिशाच ने अपना हाथ लगाया है | और चेले ने बताया की अब मैं कुछ नहीं कर सकता क्यू की पिशाच की माया का असर इनके पुरे शरीर पर हो चूका है |
कुछ समय के दौरान दादा जी चल बसे |
आज भी गांव में लोग रात को बाहर नहीं जाते | मेरे दादा जी की ये किस्सा मेरे पिता जी ने मुझे सुनाया था | जो मैंने आप सब के साथ शेयर किया |

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