हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम है शीना। आज मई आपको एक बहुत ही दर्द भरी कहानी सुनाऊँगी। ये कहानी मेरी दोस्त सविता की है। सविता मेरी स्कूल की बेस्ट फ्रेंड थी। हम सारी बातें शेयर किया करते थे। एक दिन उसकी ज़िंदगो में एक दोस्त आया। उसका नाम सौरव था। सौरव बहुत ही हुश्यार और स्कूल में सबका चाहता था। सौरव ने सविता के साथ दोस्ती की। वो बहुत ही अच्छे दोस्त बन गए। इस तरह उनकी दोस्ती प्यार में बदल गयी।
कुछ दिनों बाद ये बात पुरे स्कूल में बिखर गयी। फिर जब उनके घर पता चला तो सारे परिवार वाले सविता पर बहुत गुस्सा हुए। मगर सविता और सौरव का प्यार बिलकुल सच्चा था। वो दोनों एक दुसरे से बेइन्तेहाँ महोबत्त करते थे। सौरव भी सविता को खोना नहीं चाहता था। सौरव को भी घर से बहुत डांट पड़ी। कुछ दिनों तक दोनों ने एक दुसरे को बिलकुल नहीं बुलाया। मगर दोनों में आँखों-आँखों से बहुत बातें कर ली। दोनों के दिल में एक दुसरे के लिए बहुत प्यार था। दोनों को जुड़ा होना मंज़ूर नहीं था।
एक दिन दोनों ने चुपके से मिलने का फैसला किया। दोनों ने एक दुसरे से कहा – ” हम कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे हमारे घर वालों को शर्मिंदा होना पड़े। दोनों ने सोचा जब वो बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो जायेंगे तब अपने घर वालों को मन लेंगे। इस तरह उन दोनों का प्यार अधूरा रह गया। सौरव बहार चला गया और सविता अभी तक उसकी उडीक में है के एक दिन वो आएगा और उसको अपने साथ ले जायेगा। इस तरह उन दोनों का प्यार अधूरा रह गया।